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सूर्य: लोकहिताय तपति

ग्रुप डेवलपमेंट फाउंडेशन (GDF) की नियमावली


1. ग्रुप डेवलपमेंट फाउंडेशन की स्थापना 31 अक्टूबर 2024 ई0 को समाज के उच्च पदस्थ से लेकर अंतिम व्यक्ति तक तीव्र आर्थिक/शैक्षिक/न्यायिक/सामाजिक राहत पहुंचाने के लिए हुई है। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक/अनुचर/अनुदेशक/शिक्षा मित्र/BEO/डायट प्रवक्ता/क्लर्क, माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षक/ग्रुप D/क्लर्क, उच्च शिक्षा के शिक्षक के लिए टीचर्स सेल्फ केयर टीम (TSCT) पहले से ही सफलता पूर्वक सराहनीय कार्य कर रही है, इसलिए GDF से शिक्षा विभाग के उक्त सरकारी शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को जुड़ने की अनुमति नहीं है। केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी GDF की सदस्यता ले सकते हैं। तकनीकी शिक्षा के शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी GDF की सदस्यता ले सकते हैं। उच्च शिक्षा के शिक्षणेत्तर कर्मचारी GDF की सदस्यता ले सकते हैं। समस्त सरकारी विभाग के कर्मचारी, डॉक्टर, इंजीनियर एवं अधिकारी स्वेच्छा से GDF की सदस्यता ले सकते हैं। वित्तविहीन विद्यालय/कॉलेज/मदरसा के शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं प्रबंधक GDF की सदस्यता ले सकते हैं। प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत समस्त कर्मचारी, एडवोकेट, मीडियाकर्मी, प्रबंधक, अधिकारी, डॉक्टर एवं इंजीनियर GDF की सदस्यता ले सकते हैं। किसान, मजदूर, व्यवसाई, कारीगर, गृहिणी, छात्र/छात्राएं भी GDF की सदस्यता ले सकते हैं। GDF की सदस्यता हेतु प्रदेश का स्थाई निवासी होना या उत्तर प्रदेश में सरकारी/प्राइवेट किसी पद पर कार्यरत होना अनिवार्य है। सदस्यता प्राप्त करने की उम्रसीमा 18 वर्ष से लेकर 55 वर्ष तक रहेगा जबकि एक बार सदस्य बन जाने के उपरांत 60 वर्ष उम्र तक सदस्यता बनाए रखने की अनुमति है। सदस्यों की 60 वर्ष उम्र पूरा होते ही स्वतः सदस्यता समाप्त हो जाएगी। समस्त नियमों व शर्तों के अनुसार gdftrustup.com वेबसाइट के माध्यम से रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरके सदस्यता लिया जा सकता है। समस्त सदस्यों को वार्षिक 100 रूपए "ग्रुप डेवलपमेंट फाउंडेशन" को दान देना अनिवार्य है।


2. हर वर्ष ट्रस्ट को 100 रुपए वार्षिक दान देने के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। अर्थात GDF की वैधानिक सदस्यता बनाए रखने के लिए ट्रस्ट को वार्षिक दान दिए हुए 1 वर्ष पूरे होने के बाद 15 दिन के अंदर वार्षिक दान देकर अपने प्रोफाइल में ट्रांजेक्शन स्क्रीन शॉट अपलोड करना अनिवार्य होगा।


3. सूचनाओं के आदान प्रदान हेतु आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप/टेलीग्राम ग्रुप में जुड़ कर सूचनाओं से अपडेट रहना होगा। सूचना के अभाव में यदि आपके वैधानिकता पर कोई प्रभाव पड़ा तो उसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे।


4. यदि GDF के किसी वैधानिक सदस्य की असामयिक दुखद निधन हो जाती है तो GDF से जुड़े शेष अन्य सभी सदस्य संस्थापक मंडल द्वारा नियमानुसार आधिकारिक आह्वान पर निर्धारित न्यूनतम धनराशि सीधे दिवंगत सदस्य के नॉमिनी के बैंक खाते में आर्थिक सहयोग भेजेंगे। आर्थिक सहयोग भेजकर वेबसाइट पर ट्रांजेक्शन डिटेल्स भरते हुए ट्रांजेक्शन रसीद अपलोड करना भी अनिवार्य है। वर्तमान में आर्थिक सहयोग प्रति सदस्य न्यूनतम 100 रूपए निर्धारित किया जा रहा है। सदस्य संख्या के अनुसार प्रति सदस्य न्यूनतम धनराशि घटाने का अधिकार संस्थापक मंडल के पास सुरक्षित रहेगा।


5. समस्त सदस्यों की लॉक इन पीरियड 8 माह रहेगा। लॉक इन पीरियड में जारी समस्त सहयोग करना अनिवार्य है। लॉक इन पीरियड 8 माह से तात्पर्य है कि यदि कोई सदस्य 1 जनवरी को नियमानुसार रजिस्ट्रेशन किया, यदि उसी वर्ष उसकी मृत्यु 30 अगस्त की रात 12 बजे से पूर्व तक हो जाती है तो उसके नॉमिनी को सहयोग प्राप्त नहीं होगा।

(A) 21 मार्च 2025 से सदस्यता लेने वाले सदस्यों के लिए लॉक इन पीरियड 10 माह किया जा रहा है। लॉक इन पीरियड में जारी समस्त सहयोग करना अनिवार्य है।


6. वैधानिक सदस्यता के लिए लॉक इन पीरियड तक के समस्त सहयोग करना अनिवार्य है एवं लॉक इन पीरियड के बाद कुल 90% सहयोग करना अनिवार्य है। सदस्यता से लेकर मृत्यु तिथि तक 2 वर्ष से अधिक समयांतराल की स्थिति में मृत्यु की तिथि से 2 वर्ष पूर्व के बीच हुए कुल सहयोग का 90% सहयोग होना चाहिए।


7. GDF द्वारा सदस्यों की सुविधा हेतु हेल्पलाइन नंबर 9616575100 जारी किया गया है, जिस पर कॉल/व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से जानकारी का आदान प्रदान किया जा सकता है एवं तकनीकी सहायता प्राप्त किया जा सकता है।


8. संस्थापक मंडल वैधानिकता या किसी भी प्रकार के मामलों में जहां उचित समझेंगे अपने स्तर से परीक्षण करने व निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगे। कोई भी सदस्य/नॉमिनी आर्थिक सहयोग प्राप्त करने हेतु कानूनी दावा नहीं कर सकेगा, बल्कि टीम द्वारा वैधानिकता के संबंध में लिए गए निर्णय के आधार पर नैतिक रूप से आर्थिक सहयोग कराने का प्रयास किया जाएगा।


9. सहयोग के दौरान या उसके बाद यदि किसी सदस्य द्वारा गलती से अधिक राशि किसी सहयोग हो रहे/हो चुके नॉमिनी के खाते में भेज दिया तो उचित साक्ष्य प्रस्तुत करने पर नॉमिनी द्वारा वो धनराशि सीधे उस सदस्य के खाते में वापस करना पड़ेगा। गलती से भेजी हुई धनराशि को वापस कराने की गारंटी टीम नही लेगी किन्तु वापस करवाने हेतु सार्थक और पूर्ण प्रयास करेगी।


10. यदि किसी सदस्य द्वारा सदस्य बनने के बाद सहयोग नहीं किया गया या कुछ महीने/वर्षों सहयोग करने के बाद 1 या 1 से अधिक सहयोग छोड़ दिया, परिणामस्वरूप 90% सहयोग के दायरे में भी नहीं आता है या अवैधानिक हो जाता है, ऐसे स्थिति में लगातार 8 माह सहयोग करके और 8 माह का समय पूरा करके पुनः वैधानिक सदस्यता प्राप्त कर सकता है।


11. सदस्य द्वारा आत्महत्या की स्थिति में कोई आर्थिक सहयोग हेतु अपील नहीं की जाएगी। आत्महत्या के अलावा सभी तरह के मृत्यु पर आर्थिक सहयोग की अपील की जाएगी।


12. यदि सदस्य द्वारा बनाए गए नॉमिनी ने ही खुद सदस्य की हत्या की है तो ऐसे नॉमिनी को आर्थिक मदद नहीं किया जायेगा। ऐसे परिस्थिति में आवश्यकता पड़ने पर अपने स्वविवेक से संस्थापक मंडल दिवंगत सदस्य के यथोचित नॉमिनी का चयन करने के लिए स्वतंत्र होंगे।


13. GDF सीधे दिवंगत सदस्य के नॉमिनी के खाते में आर्थिक सहयोग करवाती है इसलिए सहयोग प्राप्त करने हेतु किसी भी प्रकार की न्यायिक चुनौती देने का अधिकार किसी व्यक्ति या सदस्य के पास नहीं होगा।


14. कोई भी सदस्य GDF के खिलाफ दुष्प्रचार या अफवाह फैलाता है, बिना साक्ष्य या आकड़े प्रस्तुत किए आरोप लगाता है तो टीम उसकी सदस्यता रद्द करने व विधिक कार्यवाही हेतु स्वतंत्र होगी।


15. GDF के किसी पदाधिकारी के साथ कोई सदस्य अभद्र व्यवहार करते हुए या GDF विरोधी गतिविधि में लिप्त पाया गया तो पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर उक्त सदस्य की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी।


16. ट्रस्ट को दिए गए वार्षिक 100 रुपए दान से निम्नलिखित कार्यों में खर्च किया जायेगा।

  • A. वेबसाइट के निर्माण और संचालन में

  • B. ऐप बनवाने और संचालन में

  • C. जिला और प्रदेश कार्यालय खर्च हेतु

  • D. जिला और प्रदेश हेल्पलाइन नंबर पर नियुक्त स्टाफ को मानदेय देने में

  • E. दिवंगत सदस्य के घर स्थलीय सत्यापन में

  • F. प्रचार प्रसार और सदस्यता अभियान में

  • G. समय समय पर नई तकनीकी लाने में ताकि प्रक्रिया पारदर्शी के साथ साथ आसान बन सके।

  • H. उत्तरप्रदेश के जरूरतमंद व्यक्तियों/छात्रों के हित में विभिन्न प्रकार का सहयोग करने में

“किसी भी निर्णय की स्थिति में वेबसाइट पर अपलोड नियमावली की प्रति ही मान्य होगी।”

नोट- 1. भविष्य में GDF के वैधानिक सदस्यों के लिए मार्ग दुर्घटना व गंभीर बीमारी के इलाज हेतु योजना और नियम बनाया जाएगा।

2. भविष्य में छात्रों के लिए उच्च शिक्षा/तकनीकी शिक्षा/सिविल सर्विसेज की पढ़ाई हेतु योजना और नियम बनाया जाएगा।


बेटी विवाह शगुन योजना की नियमावली

  • 1. 23 फरवरी 2025 से "बेटी विवाह शगुन योजना" का शुभारंभ किया जा रहा है।


  • 2. 23 फरवरी 2025 या 23 फरवरी 2025 के बाद रजिस्टर्ड सदस्यों के लिए लॉक इन पीरियड 12 माह निर्धारित है। स्थापना दिवस 31 अक्टूबर 2024 से 22 फरवरी 2025 तक रजिस्टर्ड सदस्यों के लिए लॉक इन पीरियड की बाध्यता हटाया जा रहा है।

    (A) 21 मार्च 2025 से सदस्यता लेने वाले सदस्यों के लिए लॉक इन पीरियड 2 वर्ष किया जा रहा है। "बेटी विवाह शगुन योजना" में पात्रता के लिए लॉक इन पीरियड सिर्फ सदस्य का पूरा होना अनिवार्य है। सदस्य के बेटी का लॉक इन पीरियड पूरा होना अनिवार्य नहीं है।


  • 3. सदस्य द्वारा सदस्यता तिथि से बेटी विवाह शगुन योजना हेतु आवेदन की तिथि तक इस योजना में 90% अवसरों पर सहयोग करना अनिवार्य है। यदि सदस्य द्वारा बेटी विवाह शगुन योजना में 90% अवसरों पर सहयोग नहीं किया गया है तो आवेदन हेतु पात्र नहीं होगा।


  • 4. इस योजना में पात्रता हेतु दिवंगत सदस्य के परिवार को सहयोग मामले में भी वैधानिक होना अनिवार्य है। GDF का वैधानिक सदस्य ही बेटी विवाह शगुन योजना में पात्र है। जो सदस्य नियमानुसार दिवंगत सदस्य के नॉमिनी को सहयोग नहीं किया है वह सदस्य बेटी विवाह शगुन योजना में पात्र नहीं है।


  • 5. बेटी विवाह शगुन योजना में लाभार्थी सदस्य द्वारा लाभ के बाद न्यूनतम 10 वर्ष तक बेटी विवाह शगुन योजना के 90% अवसरों पर आर्थिक सहयोग करना अनिवार्य है। यदि लाभार्थी बेटी विवाह शगुन योजना में आगामी 10 वर्षों तक 90% अवसरों पर सहयोग नहीं किया तो असामयिक निधन और गंभीर बीमारी इलाज आर्थिक मदद हेतु स्वतः अवैधानिक हो जाएगा। यदि बेटी विवाह शगुन योजना में लाभ प्राप्त करने के बाद लाभार्थी इस योजना में आगामी 10 वर्षों तक 90% अवसरों पर सहयोग नहीं किया तो उक्त लाभार्थी GDF के समस्त आर्थिक लाभ योजना में स्वतः अपात्र हो जाएगा।


  • 6. सदस्य के अधिकतम 2 जैविक पुत्रियां ही बेटी विवाह शगुन योजना में आर्थिक मदद हेतु पात्र हैं।


  • 7. सदस्य के स्वयं के विवाह पर बेटी विवाह शगुन योजना लागू नहीं है।


  • 8. यदि पति पत्नी दोनों सदस्य हैं तो पति पत्नी में से कोई एक ही इस योजना में लाभ के पात्र हैं। अर्थात पति पत्नी दोनों में से कोई एक ही "बेटी विवाह शगुन योजना" में लाभ हेतु आवेदन कर सकेगा।


  • 9. बेटी विवाह शगुन योजना में आवेदन हेतु सदस्य के जिस बेटी की विवाह के लिए मदद होना है वह बेटी भी GDF का सदस्य जरूर होना चाहिए। ऐसा इसलिए कि कोई सदस्य अपनी बेटी का विवाह 18 वर्ष उम्र से पूर्व न करे ताकि बाल विवाह पर भी रोक लगे।

    (A) 21 मार्च 2025 से सदस्यता लेते समय यदि सदस्य की बिटिया 18 वर्ष उम्र पूरा कर चुकी है तो बिटिया का सदस्य बनना और "बेटी विवाह शगुन योजना" में 90% अवसरों पर सहयोग करना अनिवार्य किया जा रहा है। सदस्यता लेते समय यदि सदस्य की बिटिया की उम्र 18 वर्ष नहीं पूरा है तो जैसे ही बेटी 18 वर्ष पूरा करती है तो बिटिया का सदस्य बनना और "बेटी विवाह शगुन योजना" में 90% अवसरों पर सहयोग करना अनिवार्य किया जा रहा है।


  • 10. बेटी विवाह शगुन योजना में प्रति सदस्य अधिकतम 11 रुपए तक का आर्थिक सहयोग निर्धारित है। परिस्थिति अनुसार यह निर्धारित धनराशि घटाया जाएगा।


  • 11. GDF का जो सदस्य बेटी विवाह शगुन योजना में आर्थिक मदद नहीं करता है उसकी GDF वैधानिकता प्रभावित नहीं होगी। GDF वैधानिकता के लिए दिवंगत सदस्य के परिवार को नियमानुसार आर्थिक मदद करना अनिवार्य है।


  • 12. GDF सीधे बेटी के पिता के खाते में सहयोग करवाती है इसलिए सहयोग प्राप्त करने हेतु किसी भी प्रकार की न्यायिक या कानूनी चुनौती देने का अधिकार किसी व्यक्ति या सदस्य के पास नहीं है। बेटी विवाह शगुन योजना में सहयोग प्राप्त करना सिर्फ नैतिक अधिकार है, कानूनी अधिकार नहीं है।


  • 13. "बेटी विवाह शगुन योजना" में विवाह तिथि से 15 दिन पूर्व आवेदन करना अनिवार्य है। ऐसा इसलिए कि स्थलीय सत्यापन और आर्थिक सहयोग कराने के लिए कम से कम 15 दिन का समय चाहिए।